साधुओं की हत्या, इंसानियत की हत्या


महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़े के जिन दो संतों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी, उनमें से एक कल्पवृक्ष गिरि महाराज (65) उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के वेदपुर गांव के रहने वाले थे और दूसरे संत सुशील गिरि (35 साल) उत्तर प्रदश के सुल्तानपुर जिले के रहने वाले थे| हमारा भारत देश एक धर्म बाहुल्य देश हैं जहाँ पर साधु-संतों का एक विशेष स्थान है | साधु और संत हमारे धर्म का प्रतीक और गौरव हैं | आखिर भगवान के समान इन संतों की निर्मम हत्या क्यों? यह बहुत ही विचलित करने वाली घटना है | साधुओं की इस नृशंस हत्या ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है |साधुओं की यह हत्या इंसानियत की हत्या है जिसे किसी भी कीमत पर क्षमा नहीं किया जा सकता | साधु हमारे समाज की धर्म ध्वजा हैं और अगर वह ही सुरक्षित नहीं हैं तो सरकार के लिए यह बहुत गंभीर विषय है |साधुओं की हत्या करने वाले अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए|