गीता परिवार और श्री दुर्गा मंदिर समिति बने प्रवासी मजदूरों का सहारा

 

लखनऊ| गीता परिवार और श्री दुर्गा जी मंदिर शास्त्रीनगर के सौजन्य से जरूरतमंदों को भोजन व राशन किट, प्रवासी मजदूर बंधुओं को भोजन पैकेज, बेजुबान पशुओं के लिए चारा तथा प्रतिदिन पुलिस बंधुओं, स्वास्थ्य कर्मियों के लिए विशेष रूप से लंच पैकेट तथा रात 12:00 से 3:00 तक चाय की व्यवस्था की व्यवस्था की जा रही है।

शिवेंद्र मिश्रा ने बताया कि 23 मार्च से अब तक कुल 277721 भोजन पैकेटों व 1935 राशन किट्स का वितरण किया गया। पिछले 51 दिनों से भोजन वितरण का कार्य किया जा रहा है मंगलवार को अब तक सबसे अधिक 10000 भोजन पैकेटों का वितरण किया गया। श्री दुर्गा जी मंदिर सेवा समिति के ताराचंद अग्रवाल जी ने बताया कि बड़े मंगल के उपलक्ष्य में सभी को भोजन के साथ बूंदी का प्रसाद दिया गया।

                                                                                गीता परिवार के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ आशु गोयल ने बताया कि 11 मई से एक विशेष प्रवासी बन्धु  आपदा अन्नसेवा का आरम्भ किया जा चुका है  जिसमे दूर दूर से लखनऊ नगर से गुजरने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए अलग से भोजन गाड़ियों की व्यवस्था की गई है। पिछले एक सप्ताह से इनकी बड़ी संख्या आ रही है, इसलिए इसकी बड़ी आवश्यकता है।  अरविंद शर्मा जी ने बताया कि अब तक 8000 बेजुबान पशुओं को चारा व भोजन खिलाया गया।

                                                                                इन सभी वितरण कार्यों को करते समय अत्यन्त सावधानी बरती जा रही है, जहां पर भोजन वितरण है वहां भीड़ न हो इसके लिए गीता परिवार के कार्यकर्ता सोनू शर्मा की टीम ने 50 चिन्हित स्थानों पर गोले बनाये गंए है जिससे एक एक मीटर पर सभी खड़े हों। बिना मास्क के बिना किसी को भी भोजन नही दिया जा रहा और जिसके पास मास्क नही उपलब्ध हैं उन्हें मास्क का भी बांटे जा रहे हैं। भोजन का समय निश्चित है तो जहां पर भी भोजन विरतण होता है वहां लोग पहले से ही लाइन बनाकर खड़े हो जाते हैं। 

                                                                                पुलिस बंधुओं के लिए नित्य चल रही रात्रि चाय सेवा में मंगलवार को  रात्रि में गीता परिवार को बहुत से पुलिस बंधुओं ने अपने अनुभव भी बताये, बड़ी भावुकता के साथ सब ने यही भाव व्यक्त किये कि उनके लिए जिस प्रकार गीता परिवार दिन रात सेवा में तत्पर है, उससे उन्हें अपने कार्य के प्रति गौरव का अनुभव होता है और उत्साह से अपनी ड्यूटी करने का प्रोत्साहन मिलता है। 71 पुलिस बंधुओं कर्मियों को श्रीमद्भगवद्गीता दी गई वह उसे पढ़ना चाहते हैं।